गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में एनटीपीसी की ओर से निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना की कार्यदायी संस्था एचसीसी की ओर से बिना नोटिस दिए श्रमिकों को बाहर निकाले जाने के विरोध में शुक्रवार को श्रमिकों ने जोशीमठ तहसील परिसर में सांकेतिक धरना देते हुए अपनी बहाली की मांग को लेकर उप जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा है।
गौरतलब है कि जनवरी 2023 में जोशीमठ में आयी भूधसाव की आपदा के बाद न्यायालय के आदेश के बाद एनटीपीसी के कार्य को रोक दिया गया था। जिसके जो बाद में भी जारी रही। जिसके बाद एचसीसी की ओर से काम नहीं तो वेतन नहीं के नाम पर श्रमिकों का वेतन रोक दिया गया और बाद में उन्हें बिना नोटिस दिए बाहर निकाल दिया। जिस पर श्रमिकों ने अपनी बहाली को लेकर लगातार पत्राचार भी किया लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बीते एक अप्रैल को भी श्रमिकों की ओर से उप जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया लेकिन उनकी मांग पर कोई कार्रवाई न होने पर शुक्रवार को श्रमिकों ने सांकेतिक धरना दिया।
एचसीसी से बाहर किये गये श्रमिम मनवर सिंह, संजय सिंह, राजेंद्र लाल, आशीष खनेडा का कहना है कि एक साल से अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी उनकी मांग पर सुनवाई नहीं हो रही है जिससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी यदि उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो उन्हें सम्पूर्ण क्षेत्र की जनता के साथ मिलकर आन्दोलन करने को विवश होना पड़ेगा साथ ही एनटीपीसी के कार्य को रोकने के लिए भी बाध्य होना पड़ेगा। धरना देने वालों में मनवर सिंह, संजय सिंह, राजेंद्र लाल, आशीष खनेड़ा, महावीर सिंह, हेमंत सिंह, मनोज लाल, भरतु लाल, विजय बहुगुणा आदि शामिल थे। श्रमिकों के धरने को समर्थन में सीपीएम माले के गढ़वाल सचिव अतुल सती भी शामिल थे।
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