नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को राज्य में हुए कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी से पहले शुक्रवार सुबह ही ईडी की टीम ने भिलाई स्थित बघेल निवास पर छापामारी की थी।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘X’ (पूर्व Twitter) पर इस कार्रवाई की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा,
“ED आ गई। आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। तमनार में अडानी के लिए काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा उठाना था। लेकिन ‘साहेब’ ने भिलाई निवास पर ED भेज दी है।”
इत्तेफाक से शुक्रवार को चैतन्य बघेल का जन्मदिन भी था। इस पर भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए X पर लिखा —
“मेरे जन्मदिन पर मोदी और शाह जी ने मेरे सलाहकार और दो ओएसडी के घरों पर ईडी भेजी थी। और अब मेरे बेटे के जन्मदिन पर मेरे घर पर छापा। इन तोहफों का ताउम्र स्मरण रहेगा।”
क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?
प्रवर्तन निदेशालय की जांच के अनुसार, यह शराब घोटाला फरवरी 2019 से सक्रिय था। शुरुआती चरण में प्रदेश के डिस्टिलरी से प्रत्येक महीने करीब 800 पेटियों के साथ 200 ट्रकों में शराब भेजी जाती थी।
इन शराब पेटियों की कीमत उस समय 2,840 रुपये प्रति पेटी थी, जो ऑपरेशन के विस्तार के साथ 3,880 रुपये प्रति पेटी तक पहुंच गई।
जैसे-जैसे यह नेटवर्क फैला, हर महीने लगभग 400 ट्रकों से शराब की आपूर्ति होने लगी। ईडी की जांच में सामने आया है कि तीन वर्षों के भीतर करीब 60 लाख से अधिक पेटी शराब अवैध रूप से बेची गई, जिससे लगभग 2,174.60 करोड़ रुपये का अवैध राजस्व प्राप्त हुआ।
ईडी का दावा है कि इस पूरे नेटवर्क में राज्य के कई रसूखदार अफसर और कारोबारी शामिल हैं, जिन्होंने सरकारी सिस्टम का दुरुपयोग करते हुए यह घोटाला संचालित किया।
फिलहाल चैतन्य बघेल को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है और ईडी द्वारा अन्य संदिग्धों की भूमिका भी जांच के दायरे में लाई जा रही है। वहीं, कांग्रेस ने इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना करार दिया है और केंद्र सरकार पर संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
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