देहरादून : सचिव उत्तराखण्ड आईएएस एसोसिएशन दिलीप जावलकर ने बताया कि एसोसिएशन द्वारा उत्तराखण्ड में आई भीषण आपदा के दृष्टिगत एक महत्वपूर्ण बैठक एसोसिएशन के अध्यक्ष एलए फैनई की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में राज्य के समक्ष उत्पन्न हालिया प्राकृतिक आपदा की गंभीरता पर विचार किया गया, जिसमें दिनांक 05 जुलाई, 2025 को उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में आई भीषण आपदा को लेकर व्यापक चर्चा की गई। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि उत्तराखण्ड राज्य के समस्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई०ए०एस०) अधिकारियों द्वारा एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में स्वेच्छा से प्रदान किया जाएगा। यह निर्णय एसोसिएशन द्वारा आपदा पीड़ितों के प्रति मानवीय संवेदनशीलता और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रतीक है।
उन्होंने बताया कि यह सांकेतिक योगदान न केवल आपदा प्रभावितों के प्रति एसोसिएशन की सहानुभूति और प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि उन समर्पित अधिकारियों, सुरक्षा बलों, चिकित्सकीय दलों, आपदा प्रबंधन कर्मियों एवं स्वयंसेवकों के साथ एकजुटता प्रकट करता है, जो राहत-बचाव और पुनर्वास कार्यों में दिन-रात जुटे हुए हैं। इस योगदान का उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा संचालित बहु-एजेंसी आपदा प्रबंधन तंत्र को समर्थन करना है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास की प्रक्रिया को गति मिल सके।
सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि बैठक में इस भीषण आपदा की घड़ी में एसोसिएशन के प्रत्येक सदस्य से अपेक्षा की गई है कि वह संवेदना और उत्तरदायित्व के साथ अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें। ऐसी आपदाओं के समय प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी एवं नागरिक की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पहल संवेदना से परिपूर्ण प्रशासनिक सेवा की उस भावना को पुष्ट करती है, जिसमें जनहित सर्वाेपरि होता है।
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