1 November 2025

75 वर्षीय किसान ने कीवी–इलायची की खेती से बदली तकदीर, बने युवाओं के प्रेरणा स्रोत; “आत्मनिर्भर उत्तराखंड” का सफल उदाहरण

  • जिला प्रशासन व उद्यान विभाग के सहयोग से बागवानी में रचा सफलता का नया अध्याय, डीएम बोलीं – ऐसे मॉडल को पूरे जनपद में बढ़ावा दिया जाएगा
  • आत्मनिर्भरता की मिसाल बने अगरोड़ा गांव के 75 वर्षीय काश्तकार जगपाल सिंह रावत
  • मुख्यमंत्री की जनकल्याणकारी योजनाओं से ग्रामीण अंचलों में बढ़ रहा है आत्मनिर्भरता का भाव

पौड़ी : जनपद पौड़ी गढ़वाल के अगरोड़ा गांव के 75 वर्षीय काश्तकार जगपाल सिंह रावत आज प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गये हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में “आत्मनिर्भर उत्तराखंड” की परिकल्पना अब धरातल पर साकार होती दिख रही है। मुख्यमंत्री की जनकल्याणकारी योजनाओं और नीतियों के प्रभाव से हर व्यक्ति का सपना साकार हो रहा है, जिसका सजीव उदाहरण जगपाल सिंह रावत हैं।

पिछले चार दशकों से बागवानी के क्षेत्र में कार्यरत जगपाल सिंह रावत ने अपने परिश्रम, लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति से यह सिद्ध किया है कि पहाड़ में रहकर भी सफलता और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। वर्तमान में उनके बागान में 35 कीवी और 150 से अधिक मोटी इलायची के पौधे हैं। रावत के अनुसार, एक कीवी फल ₹40 से ₹50 तक तथा इलायची ₹800 प्रति किलोग्राम तक बाजार में बिक रही है। एक कीवी पौधे से लगभग 25–30 किलोग्राम और एक इलायची पौधे से 1.5–2 किलोग्राम तक उत्पादन हो जाता है। इन फसलों को जंगली जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते, जिससे ये पहाड़ी किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक हैं।

उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला, जिसके कारण उनके बागान का विस्तार हुआ। उनके बागान में सेब, केला, अमरूद, आंवला, लेमन ग्रास सहित कई अन्य फलदार एवं औषधीय पौधे भी हैं। इसके अतिरिक्त, वे अपने जलाशय में मछली पालन कर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर रहे हैं।

जगपाल सिंह रावत का कहना है कि यदि प्रशासन से और सहयोग प्राप्त हो, तो वे अपने कार्य का विस्तार कर गांव के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित कर सकते हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे गांव में रहकर स्थानीय संसाधनों का उपयोग करें, क्योंकि पहाड़ों में रोजगार और आत्मनिर्भरता की अपार संभावनाएं हैं।

जगपाल सिंह रावत का जीवन इस तथ्य का सशक्त उदाहरण है कि उम्र कभी बाधा नहीं होती। दृढ़ इच्छाशक्ति, मेहनत और सरकार के सहयोग से हर व्यक्ति अपने सपनों को साकार कर सकता है। उनका प्रयास मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उस सोच को साकार कर रहा है, जिसमें “आत्मनिर्भर उत्तराखंड – समृद्ध उत्तराखंड” का सपना हर व्यक्ति के जीवन में आकार ले रहा है।

डीएम स्वाति एस. भदौरिया ने बताया कि “जगपाल सिंह रावत जैसे मेहनती और दूरदर्शी काश्तकार हमारे ‘आत्मनिर्भर उत्तराखंड’ के संकल्प के प्रतीक हैं। राज्य सरकार और जिला प्रशासन ऐसे किसानों को हर संभव सहायता और प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है। जगपाल सिंह रावत की सफलता यह दर्शाती है कि सही मार्गदर्शन और योजनाओं के लाभ से पहाड़ों में भी कृषि को एक लाभदायक पेशा बनाया जा सकता है। 

डीएम स्वाति एस. भदौरिया ने कहा कि जगपाल सिंह रावत जैसे काश्तकार यह साबित कर रहे हैं कि पहाड़ों में कृषि और बागवानी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। जिला प्रशासन की ओर से किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन, अनुदान और उद्यानिकी आधारित योजनाओं का लाभ निरंतर उपलब्ध कराया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि ऐसे सफल मॉडल को पूरे जनपद में बढ़ावा दिया जाए, ताकि युवा ग्रामीण क्षेत्रों में ही स्वरोजगार अपनाकर आत्मनिर्भर बन सकें। आने वाले समय में प्रशासन की ओर से और भी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि इनकी पहल एक ‘रोल मॉडल’ के रूप में स्थापित हो सके।”