देहरादून : उत्तराखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल ने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है की राज्य भर में निराश्रित गोवंश को शरण दिए जाने हेतु गौसदनों की स्थापना, संचालन व वित्तीय प्रबन्धन हेतु माह जून, 2023 में राज्य सरकार द्वारा (शासनादेश सं०- 36254 / XV-1 / दिनांक 22 जून, 2023 के द्वारा) SOP जारी करते हुए गौसदनों के निर्माण हेतु समय सारिणी निर्धारित कर सभी जिलाधिकारियों से उक्त गाइड लाइन का अनुपालन कराने की अपेक्षा की गई थी। किन्तु सड़क मार्गो पर आज भी बड़ी संख्या में गौवंश को स्वच्छन्द विचरण करते हुए देखा जा सकता है, जिनमें बड़े-छोटे नंदी गौवंश की संख्या अधिक है तथा जिससे आये दिन सड़क दुर्घटनायें हो रही हैं, हल्द्वानी में भी एक युवा की नंदी गौवंश की चपेट में आने से मृत्यु होने की बात संज्ञान में आई है। जो कि अत्यन्त ही दुःखद एवं चिंता का विषय है। बहुत बार इन गौवंश के भी वाहनों की चपेट में आने पर गम्भीर रूप से घायल होने के कारण मृत्यु हो जाती है।
इसलिए आपसे अपेक्षा है कि आप अपने-अपने जनपदों में सड़क मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छन्द विचरण कर इन निराश्रित गौवंश को शरण दिलाने हेतु शासन द्वारा जारी उक्त गाइड लाइन का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए सभी सम्बन्धित उत्तरदायी विभागों / नगर निकायों एवं पुलिस / प्रशासन के सहयोग से एक विशेष अभियान के तहत इन गौवंश को सड़क मार्गो से हटाकर उचित शरण दिलाने का कष्ट करें। स्थाई गौसदनों के निर्माण में समय लगने की सम्भावना को देखते हुए इन निराश्रित गौवंश हेतु अस्थाई शेल्टर की व्यवस्था करते हुए गौवंश की उचित देखभाल, चारा-दाना आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित कराने का कष्ट करें। यथासम्भव पहले सप्ताह में सड़कों से सभी बड़े नंदी गौवंश को हटाने का कार्य अवश्य पूरा कर लिया जाय। इन गौवंश को गौसदनों को सुपुर्द करते समय गौवंश के टैग की भी अनिवार्य रूप से जांच करा ली जाय, यदि टैग नहीं लगा है, तो सम्बन्धित क्षेत्र के पशुचिकित्सा अधिकारी के सहयोग से गौवंश पर टैग अवश्य लगाया जाय, ताकि अभिलेख हेतु गौवंश की सूची में प्रत्येक गौवंश का टैग नं० भी अंकित हो।
इस सम्बन्ध में आपसे यह भी अपेक्षा है कि इन निराश्रित गौवंश को शरण दिलाने हेतु शासन द्वारा जारी उक्त SOP के अनुपालन में जिलाधिकारी स्तर से गौसदनों के निर्माण हेतु “भूमि आवंटन संबंधी लंबित प्रस्तावों” एवं “गौसदनों के निर्माण/विस्तारीकरण हेतु प्रेषित/स्वीकृत आगणन प्रस्तावों” एवं “निर्माणाधीन गौसदनों” की प्रगति की भी प्रत्येक माह में दो बार समीक्षा अवश्य करें, ताकि स्थाई गौसदनों के निर्माण का भी कार्य शीघ्र पूर्ण हो सके। उक्त निर्देशों के अनुपालन से 15 दिनों के भीतर आयोग को भी अनिवार्य रूप से अवगत कराने का कष्ट करें।
More Stories
स्व. लाखीराम सिंह सजवाण जीआईसी डुंडा में अर्धवार्षिक परीक्षा का परिणाम हुआ घोषित
सौंग बांध पेयजल परियोजना पर कार्य शुरू करने के लिए जल्द की जाए विस्थापन की कार्यवाही – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
देहरादून : नगर निगम ने कूड़ा उठान व्यवस्था में लापरवाही बरतने पर इकॉन वाटरग्रेस मैनेजमेंट को भेजा नोटिस, 07 दिन के भीतर माँगा जबाब