हरिद्वार : अध्यक्ष राज्य गो सेवा आयोग उत्तराखंड डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल ने आर्यावर्त गौ रक्षा शाला ट्रस्ट की ओर से पथरी मार्ग धनपुरा में गौ सेवा कर रहे लोगों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में 100 से अधिक गौ सेवकों को सम्मानित किया गया। अध्यक्ष राज्य गो सेवा आयोग उत्तराखंड डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल ने कहा कि आर्यावर्त गौ रक्षा शाला ट्रस्ट पिछले लंबे समय से सराहनीय कार्य कर रही है। यहां अच्छी गौ सेवा देखने को मिलती है। ट्रस्ट के संचालक और अध्यक्ष बलराम कश्यप अपने निजी जीवन के सुख और विलासिता को त्याग कर यहां गौ सेवा में एक बड़ी मिसाल कायम कर रहे हैं।
अध्यक्ष राज्य गो सेवा आयोग उत्तराखंड डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल ने कहा कि जिस जगह गो माता निवास करती है, वहां 33 कोटि हिंदु देवी देवता वास करते हैं, ऐसे में देवभूमि जल्द ही देश भर में गो सेवा का के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। राज्य सरकार द्वारा गोवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है,राज्य सरकार द्वारा गोवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है।
उत्तराखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल ने कहा कि हमारे समाज में गौपूजन का विशेष महत्व है। गोपूजा कर और गोमाता को अपने हाथों से चारा खिलाते समय सुखद अहसास होता है। गाय की सेवा करने से जहां सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं, वहीं घर में सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है।
उत्तराखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल ने कहा कि गाय की सेवा सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है। सभी देवी देवताओं का वास गोमाता में होता है। ऐसे में सामाजिक रूप से सभी को मिलजुल कर गो सेवा के प्रति अपना धर्म निभाना चाहिए। गो सेवा के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी को अपनी जिम्मेवारी निभानी चाहिए। गो सेवा के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी को अपनी जिम्मेवारी निभानी चाहिए। अपने जीवन की विभिन्न खुशियों के पलों को हमें गायों की सेवा कर बिताना चाहिए जिससे हम दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा बन सके। उन्होंने कहा कि गायों की सेवा करने से बड़ा कोई पुण्य का काम नहीं है।
कार्यक्रम में उपाध्यक्ष जिला पशु क्रूरता निवारण समिति जनपद हरिद्वार गोवत्स अश्विनी शर्मा ने कहा गौ सेवा एक पुनीत कार्य है। भारत में वैदिक काल से ही गाय का महत्व रहा है। गाय का दूध, गोमूत्र और गोबर बहुगुणी है। गौ संवर्धन के पीछे सांस्कृतिक, वैज्ञानिक एवं सामाजिक कारण भी है। उन्होंने कहा कि गाय के दूध, मख्खन, घी एवं गोबर एवं मूत्र से बडी से बडी बीमारियों का इलाज हो रहा है। गाय के गोबर से जैविक खेती कर आर्थिकी को सुदृढ करने के साथ ही देश को खुशहाल बनाया जा सकता है। उन्होंने सभी से गौ, गंगा और गाय के संरक्षण करने की बात कही।
इस दौरान आर्यावर्त गौ रक्षा शाला ट्रस्ट बलराम सहित कई अन्य गणमान्य लोगों ने विचार व्यक्त किये साथ ही इस अवसर पर सैंकड़ो लोग उपस्थित रहे ।
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