22 November 2024

चारधाम यात्रा 2024 : कम समय के बावजूद उमड़ी श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड भीड़, केदारनाथ धाम में इस बार औसत 10797 श्रद्धालुओं के पहुंचने से बना नया रिकॉर्ड, सरकार के उम्दा यात्रा प्रबंधन से केदारघाटी सहित चारधाम मार्ग पर खूब फला फूला कारोबार

  • देर से कपाट खुलने व अन्य कारणों से पिछली बार के मुकाबले चारधाम यात्रा के लिए मिले कम दिन
देहरादून : रविवार को बद्रीनाथ धाम में कपाट बंद होने के साथ ही भारत की गौरवशाली आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चारधाम यात्रा- 2024, सम्पन्न हो गई है। इस साल यात्रा काल पिछली बार के मुकाबले सीमित समय का रहा, बावजूद इसके सरकार के कुशल प्रबंधन से चारों धामों में तीर्थयात्रियों की रिकॉर्ड भीड़ उमड़ी। इस बार प्राकृतिक आपदा ने भी शासन- प्रशासन की परीक्षा लेने का काम किया, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की व्यक्तिगत निगरानी के चलते आपदा काल में भी सभी तीर्थयात्रियों का सकुशल रैस्क्यू किया गया।

बाबा केदार के दर पर रिकॉर्ड श्रद्धालु

ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज के पावन पर्व पर शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं। इस यात्रा सीजन में कुल 16 लाख 52 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए, जो अपने आप में रिकॉर्ड है। इस बार यात्रा का समय पिछले वर्ष के मुकाबले 52 दिन कम था, फिर भी प्रतिदिन औसत 10,797 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए। यात्रा वर्ष 2023 में श्री केदारनाथ जी के कपाट 25 अप्रैल को खुले थे, जबकि इस साल कपाट 10 मई को खुले। इस बीच आपदा के चलते बीच में करीब 25 दिनों तक यात्रा बाधित रही, इस तरह इस बार यात्रा अवधि पिछले साल के 205 दिनों के मुकाबले 153 दिन की ही रही। लेकिन इसके बावजूद यात्रियों का उत्साह बना रहा। औसतन प्रतिदिन 10,797 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जो कि पिछले साल की तुलना में औसत 1225 यात्रि प्रतिदिन अधिक है।

कपाटोद्घाटन पर नया कीर्तिमान

इस साल 10 मई को कपाटोद्घाटन के दिन 29,030 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन को पहुंचे। केदारनाथ यात्रा के इतिहास में यह पहली बार था जब एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में लोग धाम में पहुंचे हों। मानसून सीजन के आने से पहले ही यात्रियों का सैलाब उमड़ता गया, जिससे सभा मंडप से ही दर्शन कराने की विशेष व्यवस्था करनी पड़ी।

बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद

बद्रीनाथ धाम के कपाट भी रविवार 17 नवंबर को बंद हो गए हैं, इस बार 14.25 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बद्री विशाल के दर्शन किए। नवंबर मध्य तक कड़ाके की ठंड शुरू होने के बावजूद अंतिम दिनों में औसत दस हजार यात्रियों ने धाम के दर्शन किए। इसी तरह इस वर्ष गंगोत्री और यमुनोत्री धामों का यात्राकाल पिछले वर्ष के मुकाबले 30 दिन कम होने के बावजूद, यमुनोत्री में 7,14,779 और गंगोत्री 8,18,273 श्रद़धालु पहुंचे।

यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं की चौकस व्यवस्था

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य विभाग को चारधाम यात्रा मार्ग पर सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, इसके बाद पूरे यात्रा मार्ग पर 156 एंबुलेंस, 50 जांच केंद्र, 22 विशेषज्ञ डॉक्टर, 179 स्वास्थ्य अधिकारी, 300 पैरामेडिकल स्टाफ और 8 ब्लड बैंक की सुविधा उपलब्ध कराई गई। स्वास्थ्य सेवाओं के इस सुव्यवस्थित तंत्र ने यात्रियों के बीच सरकार के प्रति विश्वास और सुरक्षा की भावना को मजबूत बनाने का किया है।
चार धाम यात्रा उत्तराखंड ही नहीं देश की धार्मिक आध्यत्मिक, सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है। यात्रा के सफल और सुरक्षित संचालन के लिए सरकार ने हर संभव प्रयास किए। जिस कारण कम यात्रा अवधि के बावजूद, रिकॉर्ड तीर्थयात्री हमारे चारधामों में पहुंचे हैं। सरकार स्थानीय तीर्थ पुरोहितों, कारोबारियों और सभी हित धारकों को साथ लेकर यात्रा को निरंतर नई उंचाई पर ले जाने के लिए संकल्पबद्ध है, बाबा केदार की हम सब पर कृपा बनी रहे।   
                             –  पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री