चमोली : सजा पूरी होने के बाद भी जो कैदी आर्थिक तंगी के कारण जेल से रिहा नहीं हो पा रहे है, उनकी रिहाई के लिए केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता योजना से आर्थिक मदद दी जा रही है। जिला कारागार पुरसाडी में बंद दो गरीब कैदियों को अब तक जमानत राशि देकर रिहा किया जा चुका है, जबकि तीन अन्य गरीब कैदियों के प्रस्ताव प्रक्रिया में चल रहे है।
जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी की अध्यक्षता में मंगलवार को जेल में बंद गरीब कैदियों की रिहाई के संदर्भ में सशक्त समिति की बैठक हुई। जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चमोली से प्राप्त जिला कारागार पुरसाडी में बंद तीन गरीब कैदियों के प्रस्तावों पर विचार विमर्श किया गया। कैदियों की आर्थिक स्थिति के बारे में जांच आख्या स्पष्ट न होने के कारण जिला मजिस्ट्रेट ने निर्देशित किया कि जिला प्रोबेशन अधिकारी के माध्यम से एक बार पुनः तीनों कैदियों की आर्थिक स्थिति के संदर्भ में उनके मूल निवास स्थान पर जांच की जाए। इसमें कैदियों के संपत्ति, राशन कार्ड, बीपीएल कार्ड, सामाजिक पेंशन, सरकारी योजनाओं का लाभ एवं अन्य प्रकार के वित्तीय लाभ के बारे में स्पष्ट जांच आख्या प्रस्तुत करें। ताकि कैदियों की रिहाई के लिए योजना के तहत जमानत/जुर्माना धनराशि दी जा सके। जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि जमानत/जुर्माना राशि को कम करने के लिए भी कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाए। समिति की बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव पुनीत कुमार, वरिष्ठ कारागार अधीक्षक त्रिलोक चंद्र आर्य सहित संबधित अधिकारी मौजूद थे।
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