कोटद्वार। कोटद्वार में बिना स्क्रैप सेंटर के वाहनो को स्क्रैप में विलय किया जा रहा है। लेकिन ये सब जानकर भी जिम्मेदार विभाग मूक दर्शक बने है। जानकारी के मुताबिक पौड़ी जिले में कहीं भी वाहन स्क्रैप सेंटर नही है, उसके बावजूद भी धड़ल्ले से कोटद्वार में पहाड़ी जनपदों और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से वाहन लाकर स्क्रैप में विलय किये जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार न तो जशोधरपुर स्टील फैक्ट्रियों में आने वाले कबाड़ और बाकी माल की कभी जांच की जाती है और ना ही शहर में जगह जगह खुले कबाड़खानो की। यही कारण है की आज बिजनौर, मेरठ और मुजफ्फरनगर के कबाड़ी जशोधारपुर की कई स्टील फैक्ट्रियां कोटद्वार वालों से किराए पर लेकर चला रहे है और अपना घर बार छोड़कर ज्यादातर समय यही रहने लगे है।
साथ ही कौड़ियां से कबाड़ के ओवर हाइट और ओवरलोड वाहन भी धड़ल्ले से दिन रात निकलते है जिन्हे देखकर कुछ देर सिपाही दूसरी तरफ देखने लगते है यानी साइलेंट परमिशन दे देते है। वहीं कोटद्वार के लकड़ी पड़ाव में 11 दिसम्बर 2023 को एक वाहन UK12 C 0138 को स्क्रैपर के द्वारा स्क्रैप किया गया। लेकिन इस वाहन को आरटीओ से डी-रजिस्टर्ड नहीं किया गया। जबकि वाहन पर आरटीओ पौड़ी के द्वारा 16 अप्रैल 2021 का एक ई चालान जिसकी रकम ₹5000 भी अभी बकाया चल रहा है। इसी प्रकार से सैकड़ो वाहनो को अभी तक कोटद्वार के लकड़ी पड़ाव में बिना परमिशन के स्क्रेप में विलय कर दिए गए हैं जिनका कहीं भी कोई लेखा-जोखा नहीं है। आरटीओ द्वारा बताए गए नियमों के बारे में सबसे पहले आपको अपनी कार को स्क्रैप करने से पहले आरटीओ को स्क्रेपिंग के बारे में एक प्रार्थना पत्र लिखना होगा। उसके बाद वाहन की RC यानी रजिस्ट्रेशन सार्टिफिकेट, चेचिस नंबर, स्क्रैप डीलर का पूरा पता और उनसे ली गई मंजूरी की कॉपी अपने राजिस्टर्ड आरटीओ को सौंपनी होगी।
इसके बाद आपकी कार को डी- रजिस्टर्ड कर दिया जाएगा। आसान भाषा में बोले तो आपकी कार नष्ट होने के लिए पूरी तरह से तैयार है। जब आप आरटीओ से सर्टिफिकेट लेंगे इसके बाद आपको रजिस्टर्ड स्क्रैप सेंटर के पास जाना होगा जिसका पूरा पता आपने आरटीओ को प्रार्थना पत्र में दिया था। इसके बाद अपने सुविधा अनुसार स्क्रैपर से अपॉइंटमेंट शेड्यूल कर सकते हैं। जब आप अपनी कार का अपॉइंटमेंट शेड्यूल कर ले उसके बाद जरूरी दस्तावेज के साथ स्क्रैपर को सौपना पड़ता है। यहां पर कार के इंजन ऑयल, गियरबॉक्स, एंटी -फ्रिज हुड, दरवाजे, इंटीरियर, ड्राइवरशाफ्ट, वायरिंग हार्नेस, वाहन पहचान संख्या(VIN) और फ्यूल टैंक जैसे पार्ट्स को अलग कर दिया जाता है। हालांकि इन पार्ट्स को दोबारा इस्तेमाल के लिए रख दिया जाता है लेकिन वाहन पहचान संख्या (VIN) को स्क्रैपर 6 महीने के लिए प्रूफ के लिए रख लेते हैं।
वही अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार जया बलोनी ने बताया कि वाहन की स्क्रैप करने के लिए पौड़ी जिले में कहीं पर भी परमिशन नहीं है अगर फिर भी कहीं पर वाहनों को बिना इजाजत से स्क्रैप में विलय किया जा रहा है तो उसकी जांच की जाएगी और संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वही परिवहन विभाग के अनुसार भी कोटद्वार पौडी में स्क्रैप पॉलिसी के मुताबिक कोई भी स्क्रैप सेंटर नही है।

More Stories
VELMED Hospital, Dehradun में स्ट्रोक से बचाव के लिए जटिल सर्जरी सफल
उत्तराखण्ड में SIR के लिए 167 नए एईआरओ तैनात, देखिए जिलेवार सूची..
उत्तराखण्ड कैबिनेट बैठक में 11 महत्वपूर्ण फैसले, जानिए सभी विस्तार से..