- विद्यार्थियों को वैज्ञानिक विचारों का आदान-प्रदान, सेमिनार एवं कॉन्क्लेव्स में भागीदारी तथा बीआईएस में इंटर्नशिप की संभावनाएँ होंगी प्राप्त
पंतनगर : भारत का पहला ऐसा विश्वविद्यालय बना जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जहाँ एक साथ 15 बीआईएस स्टूडेंट चैप्टर्स की स्थापना एवं उद्घाटन किया गया। यह अवसर न केवल मानकीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है, बल्कि छात्रों को गुणवत्ता और मानक के प्रति जागरूक बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
इस विशेष कार्यक्रम में ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने मुख्य अतिथि के रूप में अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने की। बीआईएस देहरादून शाखा कार्यालय के निदेशक एवं प्रमुख सौरभ तिवारी तथा बीआईएस चेयर प्रोफेसर डॉ. एस.बी. सिंह की विशिष्ट उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया।
इस अवसर पर बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी द्वारा विश्वविद्यालय को इस सहयोग के लिए धन्यवाद प्रेषित किया गया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि इन चैप्टर्स के माध्यम से विद्यार्थियों को वैज्ञानिक विचारों का आदान-प्रदान, सेमिनार एवं कॉन्क्लेव्स में भागीदारी, तथा बीआईएस में इंटर्नशिप की संभावनाएँ प्राप्त होंगी। साथ ही छात्रों को मानकीकरण से जुड़े परियोजनाओं में भागीदारी, कुशल नेतृत्व एवं नवाचार कौशल के विकास, और उद्योग-जगत से संवाद जैसे महत्वपूर्ण अवसर भी प्राप्त होंगे।
इसी अवसर पर बीआईएस कॉर्नर का उद्घाटन भी विश्वविद्यालय की पुस्तकालय में महानिदेशक BIS श्री प्रमोद कुमार तिवारी एवं कुलपति डॉ. चौहान द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस बीआईएस कॉर्नर में बीआईएस से संबंधित नवीनतम साहित्य, प्रकाशन, मानक पुस्तकें एवं अन्य सूचनात्मक सामग्री विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी, जो अध्ययन एवं अनुसंधान को नई दिशा प्रदान करेगी। कार्यक्रम के अंतर्गत स्टूडेंट चैप्टर्स के मेंटर्स के लिए एक परिचयात्मक सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें BIS के उद्देश्यों, गतिविधियों एवं स्टूडेंट चैप्टर्स की कार्यप्रणाली से अवगत कराया गया।
इस दौरान डीन एवं विभागाध्यक्षों के साथ एक विशेष बैठक भी आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता महानिदेशक बीआईएस प्रमोद कुमार तिवारी ने की। इस बैठक में विश्वविद्यालय स्तर पर बीआईएस के साथ दीर्घकालिक अकादमिक एवं अनुसंधान सहयोग, पाठ्यक्रमों में मानकीकरण से संबंधित विषयों के समावेश, तथा छात्रों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श हुआ।
इस बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई जिनमें नेशनल एग्रीकल्चर कोड का निर्माण, एसएडीएफ परियोजनाओं की रूपरेखा, और बीआईएस की कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र में भूमिका जैसे विषय सम्मिलित थे। यह आयोजन न केवल बीआईएस और विश्वविद्यालय के बीच सहयोग का प्रतीक है, बल्कि यह विद्यार्थियों के भीतर गुणवत्ता, मानक और नवाचार के प्रति रुचि उत्पन्न करने में सहायक सिद्ध होगा।
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