गोपेश्वर (चमोली)। विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में विश्व मूल निवासी एवं आदिवासी दिवस पर जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से अनुसूचित जन जाति बाहुल्य गांव छिनका में अनुसूचित जनजाति के अधिकारों की जानकारी दी गई।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रभारी सचिव सचिन कुमार पाठक ने कहा कि जनजातीय व आदिवासी समुदाय के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए 9 अगस्त को यह दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय की सांस्कृतिक पहचान और योगदान, पर्यावरण संरक्षण तथा पारम्परिक ज्ञान को बढ़ावा देने के साथ ही समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए यह दिन जनजातियों के लिए समर्पित है। कहा कि संविधान की पांचवीं और छठवीं अनुसूची में इनके लिए विधिक प्रावधानों की व्यवस्था है। उन्होंने अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1990 तथा पीईएसए अधिनियम 1996 की विस्तृत जानकारी दी। हिमाद के सचिव उमा शंकर बिष्ट ने विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली निःशुल्क कानूनी सहायता सेवाओं का लाभ उठाने पर जोर दिया।
चाइल्डलाइन की समन्वयक रजनी पंवार एवं विजय कुमार साह ने समाज कल्याण द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए संचालित योजनाओं से लोगों को अवगत कराया। इस दौरान छिनका की प्रधान पुष्पा देवी, पूर्व क्षेपंस दिनेश खनेड़ा महेश्वरी टोलिया, मंमद अध्यक्ष बसंती देवी समेत तमाम ग्रामीण मौजूद रहे।
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