लक्सर/हरिद्वार : क्या कोई अपराधी पुलिस को चकमा देकर फरार हो सकता है और फिर भी पुलिस उसे कुछ ही दिनों में ढूंढ निकाले? थाना जीआरपी पुलिस लक्सर ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है, जिसने न सिर्फ एक शातिर को दोबारा सलाखों के पीछे पहुंचाया है, बल्कि पुलिस के अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प का भी प्रदर्शन किया है। यह कहानी किसी फिल्मी थ्रिलर से कम नहीं है! चलती ट्रेन में महिला का पर्स छीनने और पुलिस अभिरक्षा से फरार होने वाले अभियुक्त अमजद उर्फ शहबाब पुत्र जाकिर हुसैन निवासी तेलीवाला पाडली गुज्जर, थाना गंगनहर, जनपद हरिद्वार (उम्र 31 वर्ष) को जीआरपी पुलिस ने पांच दिन की कड़ी मशक्कत के बाद देहरादून के डोईवाला क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है।
क्या था पूरा मामला?
मामला 01 जून 2025 का है, जब बिजनौर निवासी इदरीश अपने परिवार के साथ सहारनपुर-मुरादाबाद पैसेंजर ट्रेन से यात्रा कर रहे थे। जब ट्रेन रेलवे स्टेशन इकबालपुर के पास पहुंची, तभी अमजद उर्फ शहबाब ने मौका पाकर इदरीश की पत्नी का लेडीज पर्स छीन लिया और चलती ट्रेन से कूदकर फरार हो गया। पर्स में नगदी, ज्वेलरी और दो मोबाइल फोन थे। इस संबंध में जीआरपी लक्सर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया और अपर उपनिरीक्षक अतुल चौहान को विवेचना सौंपी गई। जांच के दौरान ही अमजद उर्फ शहबाब का नाम प्रकाश में आया।
पहला एनकाउंटर और नाटकीय फरारगी
लंबी जांच के बाद, 26 अक्टूबर 2025 को अभियुक्त अमजद उर्फ शहबाब को जीआरपी रुड़की चौकी लाया गया। पूछताछ में उसने न सिर्फ अपना जुर्म कबूल किया, बल्कि लूटा गया सामान गंगनहर पुल के पास छिपाने की बात भी बताई। पुलिस उसे सामान बरामदगी के लिए गंगनहर पुल के पास लेकर गई। यहीं पर अमजद ने अपनी शातिर चाल चली। अंधेरे का फायदा उठाते हुए उसने एक पुलिसकर्मी को गंगनहर में धक्का दे दिया और हथकड़ी समेत मौके से फरार हो गया।
इस घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस अभिरक्षा से फरार होने के संबंध में जीआरपी लक्सर थाने में अमजद के खिलाफ एक और मुकदमा (मु0अ0स0 52/2025 धारा 262 बीएनएस) दर्ज किया गया।
GRP की कड़ी मशक्कत और पांच दिन की तलाश
पुलिस अधीक्षक जीआरपी तृप्ति भट्ट के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक अरुणा भारती व पुलिस उपाधीक्षक स्वप्निल मुयाल के पर्यवेक्षण में अपराधी को दोबारा पकड़ने के लिए अलग-अलग टीमें गठित की गईं। अगले पांच दिनों तक जीआरपी की टीमें अमजद की तलाश में जगह-जगह खाक छानती रहीं। मैनुअल पुलिसिंग और मुखबिरों की सटीक सूचना पर लगातार काम किया गया। जिसमें अपर उपनिरीक्षक अतुल चौहान, कांस्टेबल आशीष व कांस्टेबल सोनू को कड़ी मशक्कत के बाद सफलता मिली ।
डोईवाला से फिर दबोचा गया शातिर
अथक प्रयासों और सटीक मुखबिर सूचना के आधार पर, आखिरकार 31 अक्टूबर 2025 को जीआरपी पुलिस को बड़ी सफलता मिली। अमजद को देहरादून के डोईवाला क्षेत्र में कालू वाली पानी की टंकी, सैन चौकी, थानो रोड से धर दबोचा गया।
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में अमजद ने बताया कि वह पहले कभी जेल नहीं गया था, जिस कारण वह काफी डर गया था। भागने के बाद उसने अंधेरे का लाभ उठाकर खेतों में लगे सीमेंट के खंभे से हथकड़ी का रस्सा काटा और बड़ी मुश्किल से हथकड़ी हाथ से निकालकर जंगलों और गांवों के रास्ते पैदल ही डोईवाला पहुंचा। उसने बताया कि वह सीसीटीवी कैमरों में आने के डर से मुख्य रास्तों का इस्तेमाल नहीं कर रहा था। डोईवाला इसलिए चुना क्योंकि लगभग दो साल पहले उसने वहां मजदूरी और पेंट का काम किया था। उसका इरादा कुछ दिन मजदूरी करके पैसे कमाने, अपनी पत्नी को बुलाने और फिर उत्तराखंड से बाहर भागने का था। पुलिस के पकड़े जाने के डर से उसने फरार होने के बाद किसी परिचय वाले, सगे संबंधी या दोस्त से कोई संपर्क नहीं किया।
जीआरपी पुलिस की इस सराहनीय कार्रवाई की उच्चाधिकारियों ने भी जमकर तारीफ की है। अमजद उर्फ शहबाब को अब न्यायिक अभिरक्षा रिमांड हेतु न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।
जीआरपी पुलिस की सराहनीय कार्रवाई
जीआरपी हरिद्वार की इस ‘डबल स्ट्राइक’ ने न सिर्फ ट्रेन में लूटपाट जैसे गंभीर अपराध को सुलझाया है, बल्कि पुलिस अभिरक्षा से फरार हुए अपराधी को भी दोबारा पकड़कर अपनी कार्यक्षमता का लोहा मनवाया है। उच्चाधिकारियों ने भी इस सराहनीय कार्रवाई की जमकर तारीफ की है।
पुलिस टीम
- थानाध्यक्ष रचना देवरानी
- प्रभारी चौकी जीआरपी रुड़की उपनिरीक्षक प्रीति सैनी
- अपर उपनिरीक्षक अतुल चौहान
- कांस्टेबल – आशीष कुमार, सोनू कुमार, जाहुल हसन मिर्जा, सन्दीप कुमार, मुनेश कुमार, सुनील कुमार, सन्दीप कुमार, आंचल कुमार
- हेड कांस्टेबल अरविन्द रावत (एसओजी जीआरपी)
- कांस्टेबल – मनोज कुमार, दीपक कुमार (एसओजी जीआरपी)
- एएसआई ईश्वर सैनी (थाना डोईवाला)

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