नई दिल्ली : मेडिकल से बुखार-जुकाम की दवाइयां तो आप भी लाते ही होंगे। अगर अब भी ला रहे हैं, तो बंद कर दीजिये या फिर डॉक्टर की लिखी दवा ही लें…। पैरासिटामोल और पैन डी समेत 50 से अधिक दवाइयां गुणवत्ता जांच में फेल साबित हुईं। इन दवाओं को मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाया गया है। इसका खुलासा केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की हालिया मासिक रिपोर्ट में हुआ।
ऐसे में बुखार और ब्लड प्रेशर समेत कई बिमारियों में काम आने वाली इन दवाओं ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। गुणवत्ता जांच में पैरासिटामोल, विटामिन डी, कैल्शियम सप्लीमेंट, हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह की कई दवाइयां फेल साबित हुईं। बच्चों में इस्तेमाल होने वाली दवा सेपोडेम एक्सपी 50 ड्राई सस्पेंशन भी जांच में सही नहीं मिली।
इससे पहले बुखार, जुकाम, एलर्जी और दर्द में इस्तेमाल की जाने वाली 156 एफडीसी दवाओं पर प्रतिबंध लगा चुकी है। सरकार का कहना है कि इन दवाओं का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है। दो या दो से अधिक दवाओं के अनुपात से मिलकर बनने वाली दवाओं को एफडीसी कहते हैं। सरकार ने पैरासिटामोल, ट्रामाडोल, टारिन व कैफीन के संयोजन पर भी बैन लगा दिया है।
- विटामिन सी और डी 3 टैबलेट शेल्कल।
- विटामिन बी कॉम्प्लेक्स व विटामिन सी सॉफ्टजेल।
- एंटी-एसिड पैन-डी।
- पैरासिटामोल टैबलेट (आईपी 500 मिलीग्राम)।
- मधुमेह की दवा ग्लिमेपिराइड।
- ब्लड प्रेशर की दवा टेल्मिसर्टन।
- मेट्रोनिडाजोल।
- फ्लुकोनाजोल।
- डिक्लोफेनेक।

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