देहरादून : एक तरफ जहां लोग अपने बच्चों का जन्मदिन में घरों व रेस्टोरेंटों में मनाकर पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण करने में पीछे नहीं है। वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल के दामाद नीतेश खुखसाल ने अपना जन्मदिन गौशाला में गोमाता के संग मनाकर एक अनूठी मिसाल कायम की है। नीतेश खुखसाल ने अपना जन्मदिन गोमाता के साथ मनाने का निर्णय लिया। वह अपने परिवार के साथ जन्मदिन मनाने केश्वम माधवम गोशाला माजरी ग्रांट लाल तप्पड़ पहुंचे और बड़े चाव से गायों व बछड़ों की सेवा की। उन्हें गुड़, हरा चारा खिलाकर जन्मदिन मनाया। नीतेश खुखसाल ने बताया कि पाश्चात्य संस्कृति को छोड़ अब लोगों को भारतीय परम्परा का निर्वहन करना चाहिए। इससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।
उत्तराखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल के दामाद नीतेश खुखसाल ने गोमाता की सेवाकर गोशाला में जन्मदिवस मनाया । गौशाला में उत्तराखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल के दामाद नीतेश खुखसाल ने परिवार के साथ गौशाला में जाकर अपना जन्म दिवस मनाया। उत्तराखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल के दामाद नीतेश खुखसाल ने जन्म दिवस पर केश्वम माधवम गोशाला माजरी ग्रांट लाल तप्पड़ में गोवत्स गोपेश जी महाराज जी पथमेडा महातीर्थ का आशीर्वाद मिला, साथ मे पूर्व निदेशक व परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार, गोवत्स अस्वनी कुमार, अनिल कुमार, उत्तराखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल की पुत्री डॉ. दिव्या अंथवाल खुखसाल, गोसेवक नेहा सेमवाल, विपिन सेमवाल, उत्तराखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल का बड़ा बेटा समीर अंथवाल, आशीष सेमवाल व नव्या, हरि प्रिया ने गोमाता का आशीर्बाद लिया ।
गायों की सेवा बड़ा पुण्य – उत्तराखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल
उत्तराखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल ने गोशाला में का जन्मदिन मनाने की प्रशंसा करते हुए इसे गो सेवा के लिए अनुकरणीय उदाहरण बताया। कहा सभी लोग ऐसा करने लग जाए तो गो संरक्षण को नया आयाम मिल सकता है। पाश्चात्य संस्कृति को छोड़ अब लोगों को भारतीय परंपरा का निर्वहन करना चाहिए। इससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। गोशाला पहुंचकर गोपूजा कर जन्मदिवस मनाया। वहां वह परिवार के साथ पहुंचे और गायों को हाथों से चारा खिलाया व गोपूजन किया। उत्तराखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल ने कहा कि हमारे समाज में गौपूजन का विशेष महत्व है। गोपूजा कर और गोमाता को अपने हाथों से चारा खिलाते समय सुखद अहसास होता है। ऐसी पहल से गो सेवा के प्रति लगाव बढ़ता है समय-समय पर ऐसे आयोजन होने चाहिए। गाय की सेवा करने से जहां सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं, वहीं घर में सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है।
उत्तराखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. पंडित राजेन्द्र अंथवाल ने कहा कि गाय की सेवा सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है। सभी देवी देवताओं का वास गोमाता में होता है। ऐसे में सामाजिक रूप से सभी को मिलजुल कर गो सेवा के प्रति अपना धर्म निभाना चाहिए। गो सेवा के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी को अपनी जिम्मेवारी निभानी चाहिए। गो सेवा के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी को अपनी जिम्मेवारी निभानी चाहिए। अपने जीवन की विभिन्न खुशियों के पलों को हमें गायों की सेवा कर बिताना चाहिए जिससे हम दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा बन सके। उन्होंने कहा कि गायों की सेवा करने से बड़ा कोई पुण्य का काम नहीं है।
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