खेल डेस्क भारतजन: टोक्यो पैरालंपिक में उत्तराखंड के मनोज सरकार ने शानदार प्रदर्शन किया है। मनोज सरकार ने बैडमिंटन में कांस्य पदक जीता है। उन्होंने जापान के Daisuke Fujihara को सीधे गेम में 22-20 और 21-13 से हराया। ये मुकाबला 47 मिनट तक चला। पहला गेम 27 मिनट का रहा तो दूसरा गेम 19 मिनट तक चला।
टोक्यो पैरालंपिक में भारत का ये 17वां मेडल है। पैरालिंपिंक के इतिहास में भारत का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
उत्तराखंड के अर्जुन अवार्डी मनोज सरकार की उपलब्धि से उनके घर-परिवार में जश्न और खुशी का माहौल है। उनके घर के बाहर बधाई देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी है। वहीं मनोज सरकार की पत्नी रेवा सरकार ने बताया है कि रुद्रपुर आने से पहले मनोज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे।
टोक्यो पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन और कांस्य पदक अपने नाम करने के लिए खिलाड़ी मनोज सरकार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी समेत तमाम बड़ी हस्तियों ने बधाई दी है।
मनोज सरकार का जन्म ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर तराई के जिला मुख्यालय में गरीब परिवार में हुआ था। बचपन में दवा के ओवरडोज से उनके एक पैर ने काम करना बंद कर दिया था। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते वह अच्छे डॉक्टर से पांव का इलाज नहीं करा पाए थे।
आर्थिक तंगी के चलते मनोज को बचपन में साइकिल में पंचर जोड़ने, खेतों में दिहाड़ी पर मटर तोड़ने और घरों में पीओपी के काम करने पड़े थे। बचपन से ही उन्हें बैडमिंटन खेलने का शौक था। उनकी मां जमुना सरकार ने मजदूरी से जुटाए रुपयों से उनको बैडमिंटन खरीदकर दिया था।
पांव में कमजोरी के चलते लोग उन्हें कई बार चिढ़ाते भी थे। इससे परेशान होकर उन्होंने बैडमिंटन खेलने का विचार छोड़ दिया था। फिर टीवी में बैडमिंटन की वॉल प्रैक्टिस (दीवार में शटल को मारकर प्रैक्टिस) देखने के बाद उन्होंने घर पर ही अभ्यास शुरू किया था।
आज उनके शानदार प्रदर्शन के बाद वह राष्ट्रीय फलक पर छाए हुए हैं। लेकिन मनोज को यह मुकाम आसानी से नहीं बल्कि बेहद संघर्षों के बाद हासिल हुआ है।
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