- पादप उत्तक संवर्धन तकनीकी पर पांच दिवसीय से कार्यशाला का समापन।
ऋषिकेश : प. ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) के तत्वावधान में पादप उत्तक संवर्धन तकनीकी पर आधारित पांच दिवसीय हैंड्स ऑन ट्रेंनिंग का समापन हुआ। कार्यशाला समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि यूसर्क के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ओ पी नौटियाल ने कहा कि यूसर्क की हमेशा कोशिश रहती है कि प्रतिभागी प्रयोशालाओं में स्वयं से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को सीखें व जानें।
इसी क्रम में पांच दिवसीय इस हैंड्स ऑन ट्रेंनिंग कार्यशाला का आयोजन ऋषिकेश परिसर में किया गया है जिसमें विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र के महाविद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को प्लांट टिश्यू कल्चर तकनीकी को जानने व सीखने का अवसर प्राप्त हुआ। इसी प्रकार प्रतिभागी इस तकनीकी के विभिन्न प्रयोगों से अपने रोजगार का अवसर भी पा सकते हैं। इस तकनीकी से पादपो का वाणिज्यिक उत्पादन किया जा सकता है, जैसे फलों, सब्जियों व आर्नामेंटल प्लांट्स का प्रयोगशाला में उत्पन्न कर अधिक उत्पादन कर सकते हैं व इसी प्रकार विभिन्न जलवायु असंतुलन के कारण विलुप्त हो रही पादप प्रजातियों को भी प्लांट टिश्यू कल्चर तकनीकी से सहेज कर पुनः रोगमुक्त उत्पादन कर सकते हैं। इसी प्रकार औषधिय पादपो को प्रयोगशाला में प्लांट टिश्यू कल्चर तकनीकी से उगा कर ग्रीन हाउस में अधिक उत्पादन कर सकते हैं।
इस कार्यालय में यूसर्क की निदेशक प्रो. (डॉ) अनीता रावत ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं प्रेषित कर कहा कि यूसर्क के उधमिता कौशल विकास केन्द्र सदैव छात्रों के प्रति समर्पित है जिसका उद्देश्य छात्रों को निःशुल्क प्रशिक्षण दे कर रोजगार की ओर अग्रसर करना है।
इस दौरान कुलपति प्रो. एन के जोशी ने प्रतिभागियों को अपना स्नेह दे देकर कर शुभकामनाएं प्रेषित की। इस अवसर पर परिसर के निदेशक प्रो. महावीर सिंह रावत ने यूसर्क का धन्यवाद करते हुए कहा कि सभी प्रतिभागीयों ने जिन जिन तकनीकियों को इन 5 दिनों में यहां पर सीखा, उसे अपने अन्य सहपाठियों के साथ साझा करें, जिससे वह भी भविष्य में इस के प्रशिक्षणों में प्रतिभाग करें।
इस पांच दिवसीय हैंड्स ऑन ट्रेंनिंग कार्यशाला के संयोजक व विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा ने अस्वस्थ होने के कारण अपने संदेश में कहा कि भविष्य में छात्र हित में इसी प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे, जिससे छात्रों में उद्यमिता का विकास हो व रोजगार पाने में लाभदायक सिद्ध हो। इस अवसर पर वनस्पति विज्ञान विभाग के डॉ सुनीति कुमार कुड़ियाल द्वारा मुख्य अतिथि को पुष्प कुछ देकर स्वागत किया गया व उन्होंने कहा कि पादप उत्तक संवर्धन में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं छात्रों को भविष्य में इसके लाभ जरूर मिलेगा।
इस अवसर पर कार्यशाला के संदर्भदाता डॉ मनीष देव शर्मा, डॉ रश्मि वर्मा, डॉ शालिनी कोटियाल को स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया व सभी प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार, धनोरी पीजी कॉलेज रुड़की, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उत्तरकाशी व पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश से प्रतिभाग कर रहे छात्र-छात्राओं ने अपने अपने फीडबैक दिए । कार्यक्रम के अंत में ऋषिकेश परिसर के भूगर्भ विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ श्रीकृष्ण नौटियाल द्वारा सभी प्रतिभागियों व अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस मौके पर सफिया हसन, अर्जुन पालीवाल, देवेंद्र भट्ट, निशांत भाटला आदि मौजूद रहे।
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