कोटद्वार : कॉलेज मालिनी वाली कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन में कल गीता जयंती मनाई गई। छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं खेला पासो गाने पर नृत्य प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध समाजसेवी और बाल भारती स्कूल के संस्थापक गिरिराज सिंह रावत ने कहा कि भगवद्गीता एक मैन्युअल है जो हमें यह बताती है कि हमें जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि चंद्र प्रकाश शर्मा एवं दलजीत सिंह ने भी गीता के महत्व के बारे में बताया और कैसे हम उसे अपने जीवन में उतार सकते हैं।
कॉलेज के अध्यक्ष योगम्बर सिंह रावत ने कहा कि गीता सबको पढ़नी चाहिए। कॉलेज के एडमिनिस्ट्रेटर गोविंद डंड्रियाल ने भी आज के परिवेश में गीता के महत्व पर प्रकाश डाला। कॉलेज की प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष अर्जुन सिंह बिष्ट ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता श्वेता रावत ने गीता के गुढ़ तत्वों का विवेचन करते हुए अध्याय 15 के कुछ श्लोकों की व्याख्या की। धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कॉलेज की प्राध्यापिका डॉ संगीता नेगी ने कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कहा कि बहुत लंबे समय बाद इस तरह का कोई कार्यक्रम कॉलेज में हुआ है और इस तरह से आगे भी होते रहना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन पुस्तकालयाध्यक्ष एवं सांस्कृतिक समिति की मुखिया बीना रावत ने किया। कॉलेज के शिक्षक और स्टाफ में डॉ प्रभा खारकवाल, नीलम बिष्ट, भूपेंद्र चौहान, धीरज रावत आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में आए अतिथियों में डाॅ मंजू कप्रवाण, विपुल उनियाल, उषा रावत, कांति डंड्रियाल, रघुवीर सिंह रावत, कपिल रतूड़ी, राकेश नैथानी इत्यादि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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