देहरादून : उत्तराखंड की धामी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए एक लाख एक हजार एक सौ 75 करोड़ का बजट पेश किया है। यह बजट राज्य के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जिसमें कृषि, ऊर्जा, अवसंरचना, संयोजकता, आयुष, कृषि एवं पर्यटन पर विशेष जोर दिया गया है। सरकार ने विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण धनराशि आवंटित की है, जिससे राज्य की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को मजबूती मिलेगी।
धामी सरकार का यह बजट राज्य के समग्र विकास की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर सृजित होंगे और उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सरकार का फोकस आधारभूत संरचना, जल संसाधन, उद्योग, स्टार्टअप और पर्यटन को बढ़ावा देने पर है, जिससे राज्य को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाया जा सके।
बजट के मुख्य बिंदु:
 मेगा प्रोजेक्ट योजना के तहत ₹500 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिससे बड़े पैमाने पर औद्योगिक और बुनियादी ढांचे से जुड़े प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी।
 मेगा प्रोजेक्ट योजना के तहत ₹500 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिससे बड़े पैमाने पर औद्योगिक और बुनियादी ढांचे से जुड़े प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी।
 जमरानी बांध परियोजना के लिए ₹625 करोड़ का आवंटन किया गया है, जिससे जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन होगा।
 जमरानी बांध परियोजना के लिए ₹625 करोड़ का आवंटन किया गया है, जिससे जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन होगा।
 सौंग बांध परियोजना को ₹75 करोड़ की मंजूरी दी गई है, जिससे जल आपूर्ति में सुधार होगा।
 सौंग बांध परियोजना को ₹75 करोड़ की मंजूरी दी गई है, जिससे जल आपूर्ति में सुधार होगा।
 लखवाड़ परियोजना के लिए ₹285 करोड़ का प्रावधान किया गया है। यह परियोजना उत्तराखंड के ऊर्जा और जल प्रबंधन को सशक्त बनाएगी।
 लखवाड़ परियोजना के लिए ₹285 करोड़ का प्रावधान किया गया है। यह परियोजना उत्तराखंड के ऊर्जा और जल प्रबंधन को सशक्त बनाएगी।
 राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता के तहत ₹1500 करोड़ दिए गए हैं, जिससे राज्य की विभिन्न विकास परियोजनाओं को बल मिलेगा।
 राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता के तहत ₹1500 करोड़ दिए गए हैं, जिससे राज्य की विभिन्न विकास परियोजनाओं को बल मिलेगा।
 जल जीवन मिशन के लिए ₹1843 करोड़ का बजट रखा गया है, जिससे ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्वच्छ जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
 जल जीवन मिशन के लिए ₹1843 करोड़ का बजट रखा गया है, जिससे ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्वच्छ जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
 नगर पेयजल योजना के तहत ₹100 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिससे शहरी क्षेत्रों में जल संकट से राहत मिलेगी।
 नगर पेयजल योजना के तहत ₹100 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिससे शहरी क्षेत्रों में जल संकट से राहत मिलेगी।
 अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों के विकास के लिए ₹60 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे इन क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास में तेजी आएगी।
 अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों के विकास के लिए ₹60 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे इन क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास में तेजी आएगी।
 अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों के लिए ₹08 करोड़ की राशि आवंटित की गई है।
 अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों के लिए ₹08 करोड़ की राशि आवंटित की गई है।
औद्योगिक और उद्यमिता प्रोत्साहन:
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एमएसएमई उद्योगों के लिए ₹50 करोड़ का बजट रखा गया है, जिससे छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। 
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मेगा इंडस्ट्री नीति के तहत ₹35 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिससे बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। 
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स्टार्टअप और उद्यमिता प्रोत्साहन के लिए ₹30 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है, जिससे नवाचार और नए व्यवसायों को समर्थन मिलेगा। 
सरकार की प्राथमिकताएं:
धामी सरकार ने इस बजट में राज्य के विकास के सात प्रमुख बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया है:
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कृषि – किसानों के लिए योजनाएं और अनुदान बढ़ाने पर जोर। 
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ऊर्जा – जलविद्युत और सौर ऊर्जा परियोजनाओं का विस्तार। 
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अवसंरचना – सड़क, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे का विस्तार। 
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संयोजकता – परिवहन और डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार। 
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आयुष – पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा। 
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कृषि – जैविक खेती और कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन। 
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पर्यटन – पर्यटन स्थलों के विकास और नए आकर्षणों की स्थापना। 

 
                                               
                                               
                                               
                                               
                                               
                 
                   
                   
                   
                  
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