कोटद्वार। कोटद्वार नगर निगम में हुए एक आर्थिक घोटाले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जहा कूट रचित दस्तावेजों और जाली हस्ताक्षर से नगर निगम के खाते से 22.30 लाख की धनराशि निकालने के मामले में साक्ष्य के अभाव में तीन आरोपियों को दोष मुक्त करार दिया। मामले में जिला कारागर में बंद एक आरोपी को कोर्ट ने अन्य किसी मामले में वांछित न होने पर रिहा करने के आदेश जारी किए हैं। जबकि दो अन्य आरोपी जमानत पर हैं। कोर्ट ने उनके बंधपत्र निरस्त करने के आदेश दिए हैं।
तत्कालीन नगर आयुक्त पीएल शाह की ओर से अगस्त 2021 में बताया गया था कि नगर निगम का बैंक ऑफ इंडिया की कोटद्वार शाखा में वर्ष 1979 से खाता संचालित है। 2005 व वर्ष 2018 में नगर निगम को उक्त खाते से चेक जारी किए गए थे, जिसकी जानकारी कार्यालय को नहीं है। इन चेक बुकों से नगर आयुक्त व लेखाधिकारी नगर निगम कोटद्वार के जाली हस्ताक्षर कर धोखाधड़ी से हरिशचंद्र परसा, रोशन कुमार, हरिशचंद्र पी हरिशचंद्र संव पीआर, हरिशचंद्र व एमआर इंटरप्राइजेज ने 22,30,400 रुपये निकालकर नगर निगम को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। पुलिस ने तहरीर पर हरीशचंद्र प्रसाद, राजकुमार, नरेश कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अमित साजवान ने बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट सोनिया ने साक्ष्यों के अभाव में आरोपी हरीश चंद्र प्रसाद निवासी ग्राम बहेडी, जिला दरभंगा बिहार, राजकुमार निवासी कराबल नगर नई दिल्ली व नरेश कुमार निवासी ग्राम नसीरपुर, थाना सागर फुट दिल्ली को इस मुकदमे में दोषमुक्त करार दिया है।
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