लैंसडाउन : भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जयहरीखाल में आयोजित देव भूमि उद्यमिता कार्यक्रम के तीसरे दिन उद्यमिता विशेषज्ञ प्रशांत कुकरेती ने छात्रों को हिमालयी क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों और पारंपरिक संस्कृति के माध्यम से उद्यमिता विकसित करने के तरीकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से हल्दी और बाजरा जैसे उत्पादों के महत्व पर प्रकाश डाला और छात्रों को उद्यमिता के लिए प्रेरित किया।
छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी रुचि व्यक्त की, जैसे कृषि, सौंदर्य प्रसाधन, पर्यटन, शिक्षण, और अन्य। उद्यमिता विशेषज्ञ प्रशांत कुकरेती ने छात्रों को संचार कौशल और व्यक्तित्व विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया, साथ ही उन्होंने नरम कौशल (soft skills) के महत्व पर भी जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी के बारे में जानकारी साझा की, जो पर्वतारोहण के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करता है। उन्होंने छात्रों को ऐसे पाठ्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो डॉ एल आर राजवंशी द्वारा उपस्थित छात्र छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि इन कार्यक्रमों का लाभ लेकर अपनी योग्यता और दक्षता में वृद्धि कर भविष्य में नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं।
उद्यमिता शुरू करने के लिए उन्होंने निम्नलिखित महत्वपूर्ण स्तंभों पर जोर दिया :
- स्पष्टता : उद्यमिता के लक्ष्य और दृष्टि स्पष्ट होनी चाहिए।
- संसाधनों की उपलब्धता और ज्ञान : संसाधनों का सही उपयोग और उनके बारे में ज्ञान आवश्यक है।
- उत्पाद की बाजार मांग : उत्पाद की बाजार में मांग होनी चाहिए।
- उत्पादों का प्रस्तुतिकरण और पैकेजिंग : उत्पादों को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत करना और पैकेजिंग करना महत्वपूर्ण है।
- कौशल : उद्यमिता के लिए आवश्यक कौशल का विकास करना।
- नेतृत्व की गुणवत्ता : समूहों को प्रबंधित करने के लिए नेतृत्व कौशल आवश्यक है।
- ग्राहकों का विश्वास और निरंतरता : ग्राहकों का विश्वास जीतना और उन्हें बनाए रखना उद्यमिता की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र/छात्राएं नवनीत, आकांक्षा, सलोनी आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन नोडल अधिकारी डॉ विक्रम सिंह द्वारा किया गया इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ डीएस चौहान, वरुण कुमार, डॉ एसए अंसारी, डॉ श्रद्धा भारती, डॉ दुर्गा रजक, डॉ नेहा शर्मा,आदि उपस्थित रहे ।
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