गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के नंदानगर ब्लॉक के बूरा गांव में जंगली मशरूम खाने से पिता तथा बेटी की अचानक तबियत खराब हो गई। दोनों को अस्पताल में भर्ती किया गया। डाक्टरों ने बताया कि इलाज के बाद पिता व पुत्री सुरक्षित है।
नंदानगर (घाट) ब्लॉक के बूरा गांव में जंगली मशरूम की सब्जी खाने से पिता और बेटी की तबियत यकायक बिगड गई। बताया कि पिता गबर सिंह (45) तथा बेटी दीक्षा (14) ने रात के भोजन में जंगली मशरूम की सब्जी का सेवन किया। इसके कुछ देर बाद ही दोनों की तबियत बिगड़ने लगी। उल्टी और दस्त की शिकायत होने के चलते दोनों का स्वास्थ्य गिरता चला गया।
परिजन दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नंदानगर लाए। प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया। दोनों का जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में उपचार चल रहा है। जिला चिकित्सालय गोपेश्वर के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनुराग धनिक ने बताया कि दोनों की स्थिति अब स्थिर है और उनका इलाज विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में जारी है। गब्बर सिंह ने बताया कि जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में तैनात चिकित्सकों द्वारा त्वरित उपचार कर उनकी और बेटी की जान बचाई गई। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया और बताया कि अटल आयुष्मान योजना के तहत उनका निशुल्क उपचार किया जा रहा है।
सीएमएस डॉ. धनिक ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि जंगली सब्जियों, विशेषकर जंगली मशरूम और लिंगड़ा के सेवन में अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए। जंगलों में उगने वाले मशरूम की कई प्रजातियां जहरीली होती हैं। इनका सेवन जानलेवा साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को घरों के आसपास या खेतों में उगने वाले अज्ञात जंगली मशरूम का सेवन नहीं करना चाहिए तथा इसके प्रति जन जागरूकता फैलानी चाहिए।
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