14 November 2024

कोटद्वार : उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की ओर से आयोजित प्रतियोगिता संपन्न, संस्कृत भाषा के प्रचार और संवर्धन को लेकर कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

कोटद्वार : कण्वनगरी कोटद्वार में विकास खण्ड दुगड्डा की खण्डस्तरीय दो दिवसीय संस्कृत छात्र प्रतियोगिताओं का रंगारंग कार्यक्रमों का समापन हुआ उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की ओर से संस्कृत के प्रचार व संवर्धन के लिए प्रदेश भर के विकास खण्डों में प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थी जिसमें दुगड्डा विकासखंड में जनता इंटर कॉलेज मोटाढाक में छात्र-छात्राओं ने संस्कृत समूह नाटक, संस्कृत समूह नृत्य, संस्कृतसमूहगान, संस्कृत आशु भाषण संस्कृत वाद विवाद संस्कृत श्लोक उच्चारण में प्रतिभाग किया। दो दिन के अंतराल में 25 विद्यालयों के 500 के लगभग छात्र छात्रों ने प्रतिभाग किया। अकादमी की ओर से 16वां संस्कृत महोत्सव के रूप में कण्वनगरी में भी संस्कृत का जन सैलाब मालिनी के तट पर पुराने कण्वाश्रम की स्मृति दिला रहा था । बड़े ही उत्साह के साथ शिक्षकों, प्रधानाचार्य, प्रोफेसर, अभिभावक और आम लोगों के साथ साथ छात्र-छात्राओं ने दर्शक दीर्घा की शोभा बढ़ाई ।

प्रथम दिवस पर कनिष्ठ वर्ग की प्रतियोगिताएं संपन्न रही तथा द्वितीय दिवस पर वरिष्ठ वर्ग की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई । समापन समारोह के अवसर पर अतिथियों ने शिरकत की और बच्चों को पुरस्कार प्रदान कर अपने-अपने विचार व्यक्त किये, जिसमें प्रो. डॉ. अरुणिमा मिश्रा, असि. प्रो. डॉ. मनोरथ प्रसाद नौगांई, डॉ. महावीर सिंह बिष्ट, डॉ. रमाकांत कुकरेती, बबीता, डॉ. मंजू कपरवाण, के.वी.शास्त्री, सिद्धार्थ कोटनाला, अर्चना आदि अन्य शिक्षकों ने छात्र छात्राओं को पुरस्कार वितरण किया।

इस अवसर पर सभी का मार्गदर्शन करते हुए डॉक्टर अरुणिमा मिश्रा ने कहा कि छात्र-छात्राओं का संस्कृत प्रेम देखकर के सभी लोग संस्कृत को सीखने को प्रेरित हुए। दो दिन के हुए कार्यक्रम में विभिन्न विषयों के छात्र-छात्राओं ने संस्कृत में नृत्य, गीत, नाटक और भाषण प्रस्तुत किये यह यहां सांस्कृतिक झलक पुराने संस्कृति एवं संस्कृति की सभ्यता की पहचान दिला रहा है कि भारतवर्ष में आज भी कोई भी व्यक्ति संस्कृत में साधारण रूप से बोल भी सकता है और उसमें कार्यक्रम प्रस्तुत भी कर सकता है हम जहां भी जाएं जिस विषय के क्षेत्र में हम कल नौकरी पे तो भी हम संस्कृत से वंचित न हो अभी तो अपने जीवन में संस्कृति संस्कार और संस्कृति को जरूर अपने क्योंकि विश्व भर में यह हमारी प्रतिष्ठा को बनाए रखना है संस्कृत भाषा के कारण ही हमारा भारत आज विश्व गुरु कहलाता है।

डॉ. मनोरथ प्रसाद नौगांई ने कहा कि कालिदास ने जो कण्वाश्रम का साहित्य नाटक के रूप में विश्व भर को दिया वह आज भी प्रसिद्ध नाटककारों की श्रेणी में सबसे आगे है और इस नाटक को लिखने के कारण संस्कृत साहित्य के कवियों ने उनको प्रथम स्थान दिया इसी कणवनगरी में दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत का जन्म हुआ जिस भरत के नाम से पूरे भारतवर्ष का नाम पड़ा । आज इस कण्वनगरी की पूरी ख्याति विश्व भर में है इस मालिनी के तट पर आज भी हमने संस्कृत का यह कार्यक्रम किया जिससे पुरानी संस्कृति हमारी जीवन्त हो उठी।

राज्य में कई बच्चों को पुरस्कार दिल चुकी सेवानिवृत्ति एवं शैलेश मटियानी पुरस्कार से पुरस्कृत डॉ मंजू का परिवार ने अपने विचार में कहा कि संस्कृत हमारी धरोहर है इसी से सभी भाषाओं का जन्म हुआ है यह भाषा विज्ञान के लिए कंप्यूटर के लिए विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न विषयों के लिए मार्गदर्शन की भूमिका में रही है विज्ञान आज भी संस्कृत की ओर अग्रसर हो रहा है क्योंकि संस्कृत में अंतरिक्ष से जुड़ी हुई ब्रह्मांड तक की रहस्यमयी जानकारी है। समापन कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. महावीर सिंह बिष्ट ने कहा कि छात्र-छात्राओं ने बहुत कम समय में संस्कृत जैसे विषय को स्वीकार करके अच्छी प्रस्तुतियां प्रदान की इससे लगता है संस्कृत बहुत ही सरल भाषा है जिसमें हम सभी बातचीत कर सकते हैं।

मुख्य भूमिका निभाते हुए गेप्स संस्था से मनमोहन काला ने कहा कि संस्कृत एक वैज्ञानिक भाषा है पूरी भाषाओं का यह विश्लेषण कर सकता है आज संस्कृत सभी क्षेत्र में उतर रही है संस्कृत के विद्वानों ने सभी क्षेत्र के लिए उसका पाठ्यक्रम तैयार कर दिया है जिससे हर विषय के व्यक्ति भी संस्कृत सीख सकते हैं। निर्णायक की भूमिका में इसराना, विमला टम्टा, डा.मंजू कपरवाण, किशोर बिडालिया, सिद्धार्थ नैथानी, के. बी. शास्त्री अर्चना सिंह रावत , रमाकांत कुकरेती, डा.अरूणिमा मिश्रा, डॉ मनोरथ प्रसाद नौगांई, मीनाक्षी चमोली आदि की भूमिका प्रमुख रही। वहीं 12 प्रतियोगिताओं के मार्गदर्शक खंड शिक्षा अधिकारी अमित कुमार चंद्र एवं खंड संयोजक कुलदीप मैन्दोला के नेतृत्व में डॉ. मनोहर प्रसाद नौगांई, सिद्धार्थ नैथानी ,किशोर बिडालिया, के. बी. शास्त्री, डॉ. रमाकांत कुकरेती आदि ने संचालन की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

खण्डस्तरीय संस्कृत छात्र प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में प्रथम दिवस पर संस्कृत नाटक में आदर्श राजकीय इंटर कॉलेज कोटद्वार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज कणवघाटी ने द्वितीय स्थान एवं शांति इंटरनेशनल स्कूल दुर्गापुरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया वहीं संस्कृत समूह गान में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज दुगड्डा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा राजकीय कन्या इंटर कॉलेज कण्वघाटी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया तृतीय स्थान के रूप में डीएवी पब्लिक स्कूल कोटद्वार रहा , संस्कृत समूह नृत्य में टी. सी. जी. पब्लिक स्कूल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा महर्षि कण्व विद्या निकेतन कण्वघाटी कोटद्वार ने द्वितीय स्थान हासिल किया। वहीं राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लालपुर कोटद्वार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। संस्कृत वाद विवाद में डी. ए. वी. पब्लिक स्कूल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया व आदर्श राजकीय इंटर कॉलेज कोटद्वार ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया, तृतीय स्थान पर अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज कण्व घाटी रहा। संस्कृत आशु भाषण में परमार्थ वैदिक गुरुकुल कण्वाश्रम प्रथम स्थान पर एवं आदर्श राजकीय इंटर कॉलेज कोटद्वार द्वितीय स्थान पर रहा तो वहीं राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय सिम्बलचौड तृतीय स्थान पर रहा। श्लोक उच्चारण में टीसीजी पब्लिक स्कूल कोटद्वार प्रथम स्थान पर रहा तथा परमार्थ वैदिक गुरुकुल कण्वाश्रम द्वितीय स्थान पर एवं महर्षि कण्व विद्या निकेतन तृतीय स्थान पर रहा।

संस्कृत छात्र प्रतियोगिता के द्वितीय दिवस के अवसर पर भी वरिष्ठ वर्ग की 6 प्रतियोगिताएं देर शाम तक संपन्न रही जिसमें संस्कृत नाटक में गुरु राम राय इंटर कॉलेज दिउला पोखाल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया वहीं अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज कण्वघाटी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया संस्कृत समूहगान मे राजकीय बालिका इंटर कॉलेज दुगड्डा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा द्वितीय स्थान पर हेरीटेज अकैडमी कोटद्वार ने अपना स्थान हासिल किया तृतीय स्थान पर डा. पितांबर दत्त बडथ्वाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार ने अपना दबदबा बनाया। संस्कृत समूह नृत्य पर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज दुगड्डा ने अपना प्रथम स्थान हासिल किया वहीं राजकीय इंटर कॉलेज कुंभीचौड ने द्वितीय स्थान तथा मेहरबान सिंह कंडारी सरस्वती विद्या मंदिर अपर कालाबड ने तृतीय स्थान हासिल किया। संस्कृत वाद विवाद में डी. ए. वी. पब्लिक स्कूल ने प्रथम स्थान हासिल किया तथा गुरु राम राय इंटर कॉलेज दिउला पोखाल ने द्वितीय स्थान व हैप्पी होम पब्लिक स्कूल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । संस्कृत आशु भाषण में सेंट जोसेफ स्कूल कोटद्वार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया । श्लोक उच्चारण में टीसीजी पब्लिक स्कूल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया वहीं राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ने द्वितीय स्थान तथा मेहरबान सिंह कंडारी स.वि.म. ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।