8 July 2025

देहरादून स्मार्ट सिटी की एस्को मॉडल स्काडा परियोजना को स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट श्रेणी में राष्ट्रीय पुरूस्कार

देहरादून : प्रगति मैदान नई दिल्ली में 21 मार्च 2025 को आयोजित 10 Smart Cities India and 32nd Convergence Expo देहरादून स्मार्ट सिटी की एस्को मॉडल स्काडा परियोजना को स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट श्रेणी में राष्ट्रीय पुरूस्कार प्रदान किया गया। पूर्व में भी इस परियोजना को विभिन्न स्तरों से पुस्कृत किया गया है।

एस्को मॉडल स्काडा परियोजना के अन्तर्गत देहरादून शहर की जलापूर्ति प्रणाली हेतु पूर्व से अधिष्ठापित ट्यूबवैलों को विभिन्न आधुनिक उपकरणों यथा-63 निरीक्षण बोर-वेलों में डैप्थ सेंसर एवं ट्रांसमीटर, ट्यूबवैलों में इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक फ्लो मीटर, प्रेशर ट्रांसमीटर, स्मार्ट एनर्जी मीटर / सब-मीटर, एक्चुएटर्स के साथ वाल्व, स्वचालित क्लोरीन डोजर / विश्लेषक, ऊर्जा कुशल पंपिंग मशीनरी के साथ पूर्ण स्वचालन सभी 206 ट्यूबवेलों में उपकरण, अल्ट्रासोनिक लेवल ट्रांसमीटर, आरटीयू और स्काडा सिस्टम, जीपीएस कनेक्टिविटि और ओएचटी स्वचालन आदि का कार्य किया जा रहा है। मास्टर कन्ट्रोल रूम के साथ-साथ दून इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेन्टर के साथ सम्बद्ध कर इस उच्चीकृत सिस्टम का 10 साल का अनुरक्षण एवं संचालन परियोजना के अन्तर्गत प्रस्तावित विद्युत बचत के माध्यम से किया जा रहा है।

एस्को मॉडल स्काडा परियोजना के अन्तर्गत देहरादून शहर की जल आपूर्ति की वास्तविक समय मात्रात्मक / गुणात्मक निगरानी करते हुए आधुनिक ऊर्जादक्ष उपकरणों से संचालन करने पर न्यूनतम गारंटीकृ त 10% वार्षिक ऊर्जा लागत में बचत (लगभग INR 3.5 करोड़) एवं पंपिंग मशीनरी रखरखाव लागत बचत (लगभग INR 4.5 करोड़), पीपीपी मोड में बेहतर बुनियादी ढांचे का रखरखाव के साथ 10 साल की परियोजना अवधि के दौरान कुल 80 करोड़ की बचत प्रस्तावित है, जिसके साथ-साथ पीपीपी मोड की इस परियोजना से बेहतर उपभोक्ता सेवाएं एवं प्राप्त राजस्व / बचत से रेखीय विभाग (यूजेएस, डीएससीएल) एवं राज्य सरकार को लाभ होगा। वर्तमान में माह मई 2023 से सितम्बर 2024 तक लगभग रूपये 35.00 करोड़ की बचत आंकलित की गयी है।

प्रदेश में प्रथम बार एस्को माडल पर विद्युत बचत एवं राजस्व अर्जन हेतु इस ध्वज वाहक परियोजना के अन्तर्गत पूर्व में अधिष्ठापित ट्यूबवैलों से जल आपूर्ति प्रणालियों का उचित प्रबंधन ऊर्जा-कुशल पंपों / मशीनरी / उपकरणों और पर्यवेक्षी नियंत्रण के साथ-साथ सतत रूप से डेटा अधिग्रहण किया जा रहा है।

इस परियोजना का उद्देश्य सभी ट्यूबवैल, बूस्टर पम्पिंग स्टेशन, ओएचटी में मापन एवं प्रवाह नियंत्रण हेतु आवश्यक उपकरणों की अद्यतन एवं वास्तविक सूचनायें इंस्ट्रुमेंटेशन, ऑटोमेशन, के माध्यम से प्रदान करते हुए ऊर्जादक्ष उपकरणों से पूर्व की तुलना में कम विद्युत शक्ति में अधिक जल उत्पादन प्राप्त किया जा रहा है, जिससे 10 वर्षों के विद्युत ऊर्जा बचत से उक्त का ऑटोमेशन, संचालन एवं अनुरक्षण अत्यधिक कम लागत पर सम्भव हो पा रहा है। साथ ही इस परियोजना के माध्यम से भूगर्भिक जल स्तर पर भी निगरानी रखी जा रही है। जिसके द्वारा भविष्य हेतु भूगर्भिक जल संरक्षण एवं जल स्तर को बढ़ाने हेतु आवश्यक प्रयास भी किये जा सकते है। परियोजना के माध्यम से प्रतिमाह लगभग 90 लाख रूपये की विद्युत बचत ऊर्जा दक्ष उपकरणों के माध्यम से की जा रही है।

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