पिथौरागढ़: पुलिस के परिवार ने आज एक बहादुर साथी को खो दिया—ट्रैकर श्वान तेजा। तेजा न केवल एक खोजी कुत्ता था, बल्कि वह पुलिस बल का अभिन्न हिस्सा था, जो अपनी निष्ठा और कार्यकुशलता से अपराध की गुत्थियां सुलझाने में हमेशा आगे रहा। उसकी सूझबूझ और सतर्कता ने न जाने कितने मामलों में पुलिस की राह आसान की थी।
तेजा: एक उत्कृष्ट प्रहरी
तेजा की यात्रा वर्ष 2023 में पिथौरागढ़ पुलिस के डॉग स्क्वायड से शुरू हुई थी, जब उसने आईटीबीपी भानू, पंचकूला (हरियाणा) में नौ महीने की कठिन ट्रेनिंग पूरी की थी। इस प्रशिक्षण के दौरान उसकी दक्षता इतनी उत्कृष्ट रही कि उसने “बेस्ट डॉग ट्रॉफी” भी अपने नाम की। हे0 का0 धर्मेन्द्र कुमार और सहायक हे0 का0 प्रकाश सिंह के कुशल मार्गदर्शन में तेजा ने कई मामलों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई।
अपराध के खिलाफ एक सच्चा योद्धा
तेजा की सूंघने की शक्ति और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता ने उसे पिथौरागढ़ पुलिस के सबसे मूल्यवान सदस्यों में से एक बना दिया था। चाहे चोरी हो, लूट हो, या फिर किसी गंभीर अपराध की जांच—तेजा की उपस्थिति मात्र से अपराधी घबराने लगते थे। उसके कारण कई जटिल मामलों को सुलझाने में सफलता मिली, जिससे जनता को न्याय दिलाने में पुलिस को मदद मिली।
अचानक बिछड़ जाने का गम
लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण तेजा इस दुनिया को अलविदा कह गया। यह खबर पिथौरागढ़ पुलिस के लिए किसी गहरे आघात से कम नहीं थी। उसके जाने से पुलिस बल में एक ऐसा खालीपन आ गया है, जिसे भरना नामुमकिन है।
सम्मान और विदाई
तेजा के सम्मान में आज पुलिस अधीक्षक रेखा यादव और समस्त पुलिस विभाग ने उसे श्रद्धांजलि अर्पित की। पूरे पुलिस परिवार ने उसे अंतिम विदाई दी और पूरे सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया। तेजा के समर्पण, बहादुरी और निष्ठा को हमेशा याद रखा जाएगा।
तेजा: हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगा
शायद तेजा अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी सेवाएं, उसका साहस और उसकी निष्ठा हमेशा पुलिस विभाग और समाज की यादों में जीवित रहेंगे। वह एक सच्चा प्रहरी था, जिसने अपने अंतिम क्षण तक कर्तव्य निभाया। उसकी आत्मा को शांति मिले—अलविदा, तेजा!
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