देहरादून: इससे पहले इसकी शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि मदरसों में भी संस्कृत पढ़ाई जाएगी। लेकिन, उत्तराखंड में यह सच साबित होने जा रहा है। उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड में पंजीकृत मदरसों में जल्द ही संस्कृत एक विषय के रूप में पढ़ाई जाएगी।
बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस संबंध में शीघ्र ही बोर्ड और संस्कृत शिक्षा विभाग के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में आधुनिक मदरसों में संस्कृत पढ़ाई जाएगी।
एयू की रिपोर्ट के अनुसार मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष कासमी ने कहा कि संस्कृत और अरबी दोनों प्राचीन भाषाएं हैं। यदि मौलवी को संस्कृत आ जाए और पंडितजी को अरबी तो इससे बेहतर क्या होगा।
उन्होंने कहा कि मदरसों में संस्कृत विषय को पढ़ाने के संबंध में संस्कृत शिक्षा विभाग से बातचीत चल रही है। बोर्ड अध्यक्ष का कहना है कि यह प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द एमओयू पर हस्ताक्षर हो जाएं। इस प्रक्रिया के पूरा होते ही संस्कृत की पढ़ाई शुरु हो जाएगी।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि बोर्ड में पंजीकृत सभी 416 मदरसों में NCERT पाठ्यक्रम लागू किया गया है। मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि मदरसों में पढऩे वाले बच्चे भी इंजीनियर, डॉक्टर, IAS, IPS बनें। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल के दौरान मदरसों में अध्ययनरत बच्चों को राष्ट्रीय कार्यक्रमों से जोड़ा गया है।
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