उत्तरकाशी : यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में इन दिनों बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के आवागमन का क्रम जारी है। इस महीने में 22 दिनों की अवधि में इन दोनों धामों में एक लाख पैंतालीस हजार से अधिक श्रद्धालुओं का पदार्पण हो चुका है। गत वर्षों की यात्रा की तुलना में इस यात्राकाल में प्रारंभ से ही यमुनोत्री धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या उल्लेखनीय रूप से बढी है। इस साल अब तक यमुनोत्री धाम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा छः लाख को पार कर गया है और गंगोत्री धाम में भी अभी तक छः लाख अस्सी हजार से अधिक तीर्थयात्री पहॅुंच चुके हैं। मौसम साफ होने के फलस्वरूप अब इन दोनों धामों में तीर्थयात्रियों की आवाजाही में आने वाले दिनों में और बढोतरी होने की संभावना है। जिसे देखते हुए प्रशासन यात्रा से जुड़े व्यवस्थाओं को बढाते हुए सड़कों के सुधार व यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया है। जानकीचट्टी व फूलचट्टी के मध्य में भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त सड़क के स्थान पर नवनिर्मित वैकल्पिक मार्ग पर भी आज से यातायात शुरू करा दिया गया है।
जिला प्रशासन के द्वारा जारी यात्रा बुलेटिन के अनुसार आज यमुनोत्री व गंगोत्री धाम में कुल 12372 तीर्थयात्री पहॅुचे हैं। आज यमुनोत्री धाम में 6292 श्रद्धालुओं के आगमन के साथ ही इस यात्राकाल के कुल 136 दिनों की अवधि में धाम में आये तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 602364 हो गई है। जबकि गत वर्ष इन्ही 136 दिनों की अवधि में यमुनोत्री धाम में 503567 श्रद्धालु आये थे। गंगोत्री धाम में आज 6080 श्रद्धालुओं का पदार्पण होने के साथ ही इस यात्राकाल में गत 10 मई को कपाट खुलने के बाद से यहां पहुंचे यात्रियों की कुल संख्या 680950 हो गई है। जबकि गत वर्ष 10 मई से 22 सितंबर तक की 136 दिनों की अवधि में गंगोत्री धाम में 619387 श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था।
यात्रा के आंकड़ों से इन दोनों धामों में इस साल तीर्थयात्रियों के आगमन में हुई उल्लेखनीय वृद्धि का तस्वीर साफ नजर आती है। इस बार के यात्राकाल में यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं के आगमन का ट्रेंड बदला है। यात्राकाल की शुरूआत से ही यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुजन उमड़ रहे हैं। इस यात्राकाल को संपन्न होने में अभी लगभग डेढ माह का समय शेष है और मानसून विदा होने के बाद यात्रियों के आवागमन में निरंतर हो रही वृद्धि को को देखते हुए यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम में आने वाले यात्रियों की आंकड़ा इस बार नई ऊंचाईयों को छू सकता है।
इस यात्राकाल में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि के पीछे एक वजह यह भी रही हैं कि जिले के दोनों धामों के यात्रा मार्ग इस बार कभी भी पूरे दिन के लिए बंद नहीं रहे। मानसून के दौरान भूस्खलन से सड़कें अवरूद्ध होने की चुनौतियों से दिन-रात जूझते हुए प्रशासन ने सड़कों से जुड़े विभागों व संगठनों के सहयोग से यात्रा मार्गों को सुचारू बनाए रखा। सड़कों को खोलने के लिए संवेदनशील जगहों के साथ ही अन्य प्रमुख स्थानों पर मशीनों व मानव संसाधनों की निरंतर तैनाती और तत्पर कार्रवाई के चलते अवरूद्ध होने वाली सड़कों को तुरंत खोले जाने के फलस्वरूप इस बार अल्पावधि को छोड़कर पूरे दिन के लिए कभी भी यात्रा बाधित नहीं हुई।
यात्रा के दूसरे चरण में अब यात्रा मार्गों व धामों पर भीड़ बढने के फलस्वरूप जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने संबंधित विभागों को यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा से जुड़े प्रबंधों को चुस्त-दुरस्त बनाए रखने के साथ ही सड़कों को सुचारू बनाए रखने तथा क्षतिग्रस्त सड़कों को सुधारे जाने की हिदायत दी है। जिलाधिकारी ने धामों और यात्रा पड़ावों पर स्वास्थ्य व सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिए जाने के साथ ही यमुनोत्री पैदल मार्ग पर तय एसओपी के अनुसार आवागमन सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिए हैं।
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