उत्तरकाशी (सजवाण): जिले के प्रभारी सचिव डॉ. वी. षणमुगम ने जिले में संचालित विकास कार्यों की प्रगति के साथ ही आपदा प्रबंधन एव चारधाम यात्रा व्यवस्था का जायजा लेते हुए अधिकारियों को परस्पर समन्य एवं समयबद्धता के साथ कार्य कर विकास कार्यों का क्रियान्वयन करने और किसी भी आकस्मिकता की स्थिति में आपदा प्रबंधन कार्यों को तत्परता से संचालित कर प्रभावितों को अविलंब सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
जनपद के अपने भ्रमण के दौरान वित्त सचिव षणमुगम ने जिला मुख्यालय में अधिकारियों की एक बैठक लेकर जिला योजना, राज्य पोषित योजना, केंद्र पोषित योजना, नाबार्ड पोषित योजना, बाह्य सहायतिक योजना की प्रगति के साथ ही आपदा प्रबंधन कार्यें एव चारधाम यात्रा की समीक्षा की। सचिव ने सिंचाई, शिक्षा, पेयजल, जल संस्थान, स्वास्थ्य, कृषि, समाज कल्याण, उद्यान, लोनिवि, पर्यटन सहित विभिन्न विभागो की योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि विकास कार्यों को तत्परता व समयबद्धता के साथ जमीन पर उतारने के साथ ही सभी कार्यों में गुणवत्ता का भी पूरा ध्यान रख जाय। विभागों को योजनाओं के क्रियान्वयन के मामले में अगर कहीं कोई समस्या या कठिनाई हो तो ऐसे मामलों को समय रहते जिलाधिकारी व शासन के संज्ञान में लाया जाय। सचिव ने अधिकारियों को योजनाओं का मौके पर जाकर नियमित रूप से मॉनिटरिंग करने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है उन योजनाओं की ऑडिट करते हुए कार्यपूर्ति रिर्पाेट को भी समय से प्रस्तुत कर दी जाय।
बैठक में शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए षणमुगम ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को विद्यालयों के निर्माण और मरम्मत हेतु कार्यदायी संस्था को सौंपे गए कार्यों की प्रगति की नियमित रूप से मॉनिटरिंग करने कर सभी कार्यों को अविलंब पूर्ण करोन के निर्देश दिए। उन्होंने विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज को शुरू करने सहित शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी विद्यालयों में आवश्यक अध्यापकों की तैनाती की जाय और जिन विद्यालयों में किसी विषय के अध्यापक की कमी है वहां पर नजदीकी विद्यालय के अध्यापकों को भेज कर पढाई की व्यवस्था की जाय। षणमुगम ने सरकार द्वारा संचालित छात्रवृत्ति योजनाओं से सभी पात्र छात्रों को लाभन्वित किए जाने की भी हिदायत दी।
जनपद के प्रभारी सचिव ने जल जीवन मिशन के लंबित कार्य को शीघ्रता से पूर्ण करने तथा जल संस्थान विभाग को पेयजल की गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने पंचायती राज विभाग की समीक्षा करते हुए सचिव कहा कि जनपद के ग्राम पंचायतों के कम्युनिटी हॉल में पानी, शौचालय की उचित व्यवस्था के साथ ही ग्राम स्तर पर कूड़ा प्रबंधन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। आपदा प्रबंधन कार्यों की समीक्षा करते षणमुगम ने कहा कि भूस्खलन प्रभावित स्थानों पर सड़कों को सुचारू बनाए रखने के लिए मशीनों की नियमित तैनाती सुनिश्चित करने के साथ ही आपदा के कारण होने वाले नुकसान के मामले में प्रभावितों को अनुमन्य सहायता राशि तत्काल उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
बैठक में जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि वर्ष 2024-25 की जिला योजना हेतु रू 76.57 करोड़ का परिव्यय अनुमोदित किया गया है। जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क संचार, खेती, बागवानी के साथ ही आजीविका संवर्द्धन व आम लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने की योजनाएं सम्मिलित की गई हैं। योजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन इस हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर नियमित अनुश्रवण किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि इस बार चारधाम यात्रा के शुरूआती समय में ही यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम में अत्यधिक संख्या में तीर्थयात्रियों का आगमन होने के कारण यात्रा संचालन में कुछ चुनौतियां सामने आई थी। जिसे देखते हुए तुरंत ही यात्रा प्रबंधन की रणनीति एवं यातायात संचालन की व्यवस्था में बदलाव करने के साथ ही यात्रा पड़ावों व धामों में अतिरिक्त सुविधाएं जुटाकर चारधाम यात्रा को सुरक्षित, सुचारू और सुव्यविस्थत संचालन सुनिश्चित कराया गया। यात्रियों की बढती भीड को देखते हुए डामटा से जानकीचट्टी और उत्तरकाशी से गंगोत्री मार्ग का चौड़ीकरण होने के साथ ही यात्रा व्यवस्था के बेहतर प्रबंधन व विस्तार के लिए दीर्घकालीन उपायों पर कार्य करने की आवश्यकता हैं। जिसके लिए यमुनोत्री धाम में वैकल्पिक यात्रा मार्ग और दोनो धामों में टनल पार्किंग तथा घाटों के निर्माण की योजना बनाकर शासन को भेजी जा रही है। भविष्य की आवश्यकताओ को ध्यान में रखते हुए दोनों धामों के सुनियोजित व समयबद्ध विकास व यात्रा सुविधाओं के विस्तार हेतु मास्टर प्लान भी बनाया जा रहा है।
बैठक में पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने यात्रा व्यवस्था की जानकारी देते हुए बताया कि इस बार चारधाम यात्रा में शुरुआत में अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण वन वे सिस्टम को लागू किया गया था और अभी कावड़ यात्रा में भी पिछले वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जय किशन ने विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति की जानकारी देत हुए बताया कि जिले के मोरी विकास खंड को आंकांक्षी विकास खंड में रूप में चिन्हित किया गया है। विकास योजनाओ को ससमय धरातल पर उतारने के लिए नियमित निरीक्षण व अनुश्रवण की व्यवस्था की गई है। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी उत्तरकाशी डीपी बलूनी, परियोजना निदेशक डीआरडीए पुष्पेंद्र चौहान,जिला अर्थ एव सांख्यिकी अधिकारी चेतना अरोड़ा, मुख्य कृषि अधिकारी जे पी तिवारी सहित समस्त जिलास्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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